HEALTH TIPS: बहुत से लोग समय के साथ भूलने की आदत की समस्या से परेशान हो जाते हैं। शुरू में यह केवल छोटी-छोटी बातें भूलने से होती है, जैसे – चाबी कहां रखी, किसी का नाम याद न आना या फोन कहां छोड़ा। लेकिन धीरे-धीरे यह आदत बढ़कर पढ़ाई, काम और निजी जीवन को भी प्रभावित करने लगती है।
यह समस्या बुज़ुर्गों में ज्यादा दिखाई देती है, लेकिन आजकल तनाव, नींद की कमी और खराब लाइफस्टाइल के कारण युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। याददाश्त की कमजोरी सिर्फ उम्र बढ़ने की वजह से नहीं होती, बल्कि यह खानपान, मानसिक स्वास्थ्य और शरीर में पोषण की कमी से भी जुड़ी हो सकती है।
याददाश्त कमजोर होने के प्रकार
- शॉर्ट-टर्म मेमोरी लॉस (अल्पकालिक याददाश्त की कमजोरी)
इसमें इंसान हाल की बातें भूल जाता है। जैसे –- हाल में हुई बातचीत
- किसी चीज़ को कहां रखा
- किसी का नाम
- दिनभर के छोटे-छोटे काम
- लॉन्ग-टर्म मेमोरी लॉस (दीर्घकालिक याददाश्त की कमजोरी)
इसमें पुरानी बातें या रिश्तेदारों के नाम याद करने में दिक्कत होती है। जैसे –- पुरानी घटनाएं
- स्कूल/कॉलेज का समय
- रिश्तेदारों या पुराने दोस्तों के नाम
याददाश्त कमजोर होने के लक्षण
- बार-बार एक ही सवाल पूछना
- हाल की बातें तुरंत भूल जाना
- किसी काम पर फोकस न कर पाना
- कामकाज में बार-बार गड़बड़ी होना
- बातों को बार-बार दोहराना पड़ना
डाइट और लाइफस्टाइल का रोल
- डॉक्टरों के अनुसार, याददाश्त पर हमारी डाइट और लाइफस्टाइल का सीधा असर पड़ता है।
- नींद की कमी – पर्याप्त नींद न लेने से दिमाग थक जाता है और भूलने की आदत बढ़ती है।
- तनाव – अधिक तनाव से ब्रेन की क्षमता कम होती है।
- ज्यादा स्क्रीन टाइम – मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का ज्यादा इस्तेमाल याददाश्त पर असर डालता है।
- अनहेल्दी डाइट – जंक फूड, ज्यादा चीनी और प्रोसेस्ड फूड दिमाग को पोषण से वंचित कर देते हैं।
- पोषक तत्वों की कमी –
- ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी
- विटामिन B12 की कमी
- पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
- शराब और धूम्रपान – यह दिमाग की कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) को नुकसान पहुंचाते हैं।
- बीमारियां – जैसे डिप्रेशन, एंग्ज़ायटी, थायरॉयड आदि भी याददाश्त पर असर डालती हैं।
योग और मेडिटेशन का फायदा
AIIMS की रिसर्च में पाया गया है कि योग करने से अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी को भी काबू किया जा सकता है। योग और मेडिटेशन दिमाग को एक्टिव और शांत रखते हैं। इससे याददाश्त और एकाग्रता (फोकस) दोनों बेहतर होते हैं।
बचाव के आसान उपाय
- अच्छी नींद लें – रोजाना कम से कम 7-8 घंटे गहरी नींद लें और सोने का समय तय करें।
- दिमाग को एक्टिव रखें – किताबें पढ़ें, पज़ल्स हल करें, नई चीजें सीखने की आदत डालें।
- तनाव कम करें – योग, मेडिटेशन या रोजाना वॉक करें।
- सही डाइट लें –
- ओमेगा-3 (मछली, अखरोट, अलसी के बीज)
- विटामिन B12 (दूध, अंडे, दही)
- एंटीऑक्सीडेंट (फल, सब्जियां, ग्रीन टी)
- खराब आदतों से बचें – जंक फूड, शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं।
- स्क्रीन टाइम कम करें – फोन और कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल न करें, बीच-बीच में ब्रेक लें।
- डॉक्टर से सलाह लें – अगर समस्या बार-बार हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।