Health Ministry Advisory: केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक अहम परामर्श (एडवाइजरी) जारी किया है। इसमें खास तौर पर कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी-जुकाम की दवाइयाँ (कफ सिरप) नहीं दी जानी चाहिए। यह परामर्श उस समय जारी किया गया है जब हाल ही में मध्य प्रदेश से कथित तौर पर दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरें सामने आई थीं।
क्या कहा गया है परामर्श में?
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं:
- 2 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दें।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी कफ सिरप की सामान्यत: सलाह नहीं दी जाती।
- बुजुर्गों को दवा देते समय बेहद सावधानी बरती जाए – उनकी सही जांच, डॉक्टर की निगरानी और सही खुराक का ध्यान रखा जाए।
बच्चों में खांसी अक्सर अपने आप ठीक हो जाती है
डॉक्टर सुनीता शर्मा द्वारा जारी इस परामर्श में कहा गया है कि बच्चों में खांसी और सर्दी की बीमारियां ज़्यादातर अपने आप ठीक हो जाती हैं।अधिकतर मामलों में दवा की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसलिए माता-पिता को डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को कफ सिरप नहीं देना चाहिए।
डॉक्टर और दवा विक्रेता भी रहें सतर्क
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल और दवा की दुकानें केवल सही और प्रमाणित दवाइयाँ ही दें। सरकारी और निजी डॉक्टरों को भी बच्चों के लिए दवाइयाँ लिखते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। राज्य और जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करें कि यह परामर्श हर अस्पताल और औषधालय तक पहुँचे।
दूषित सिरप की जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मध्य प्रदेश में कफ सिरप के कई नमूनों की जांच की गई। रिपोर्ट में पाया गया कि इनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) मौजूद नहीं थे। ये दोनों रसायन किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं।
राजस्थान में भी मौत के मामले
राजस्थान में भी दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबर आई थी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिस सिरप का नाम सामने आया है, उसमें प्रोपिलीन ग्लाइकॉल नहीं था। प्रोपिलीन ग्लाइकॉल ही अक्सर DEG/EG संदूषण का कारण बनता है।
सरकार ने साफ कहा है कि छोटे बच्चों को कफ सिरप देने से बचना चाहिए। बुजुर्गों को भी दवा डॉक्टर की निगरानी में ही दी जाए। डॉक्टरों, फार्मासिस्ट और अस्पतालों को इस दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन करना होगा।