सीबीआई (CBI) ने गुरुवार को रोपड़ रेंज के डीआईजी (DIG) हरचरण सिंह भुल्लड़ को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने फतेहगढ़ साहिब जिले के स्क्रैप कारोबारी आकाश बत्ता से दो साल पुराने केस में राहत देने के नाम पर 8 लाख रुपये की रिश्वत ली थी और हर महीने रिश्वत मांग रहे थे।
सीबीआई की छापेमारी में मिला खजाना
गिरफ्तारी के दौरान सीबीआई ने डीआईजी के चंडीगढ़ सेक्टर-40 स्थित घर से बड़ी मात्रा में संपत्ति बरामद की।
- 5 करोड़ रुपये नकद (तीन बैग और एक अटैची में भरे हुए)
- 5 किलो सोने के गहने
- कई प्रॉपर्टियों के कागजात
- मर्सिडीज और ऑडी जैसी लग्जरी गाड़ियां
- 22 महंगी घड़ियां
नकदी की गिनती के लिए सीबीआई को कैश गिनने की मशीनें मंगवानी पड़ीं।
रिश्वत को “सेवा-पानी” कहा जा रहा था
सीबीआई को डीआईजी की कॉल रिकॉर्डिंग्स भी मिली हैं, जिनमें वह रिश्वत को “सेवा-पानी” कहकर मांगते हुए सुने गए हैं। रिकॉर्डिंग में डीआईजी अपने बिचौलिए से कहते हैं —“अट्ठ फड़ने ने अट्ठ, जिन्ने देंदा नाल-नाल फड़ी चल, ओहनूं कह दे अट्ठ कर दे पूरा।” इसका मतलब है कि जितना तय हुआ है, उतना पूरा दे दो।
‘अगस्त और सितंबर का नहीं आया’
रिकॉर्डिंग में एक जगह बिचौलिया आकाश से कहता है, “अगस्त दा नहीं आया, सितंबर दा नहीं आया।” इससे साफ है कि डीआईजी हर महीने रिश्वत (मंथली) मांग रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा
आकाश बत्ता के अनुसार, 29 अक्टूबर 2023 को उनके खिलाफ थाना सरहिंद में नकली बिल और बिल्टियों के इस्तेमाल के आरोप में केस दर्ज हुआ था। अब तक उस केस में चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई थी। अगस्त 2025 में डीआईजी के करीबी किरशनू नाम के व्यक्ति ने आकाश से संपर्क किया और कहा कि केस से राहत दिलाने के लिए 8 लाख रुपये देने होंगे। शुरू में उसने 1 लाख रुपये मांगे, लेकिन आकाश ने देने से मना कर दिया। इसके बाद सितंबर में डीआईजी ने आकाश को अपने दफ्तर बुलाकर धमकाया अगर पैसे नहीं दिए तो केस को आगे बढ़ा देंगे और नए झूठे केस भी दर्ज कर देंगे। आठ अक्टूबर को किरशनू ने आकाश को फिर कहा कि डीआईजी के निर्देश पर 4 लाख रुपये चंडीगढ़ लाकर देने होंगे।
सीबीआई तक पहुंची शिकायत
आकाश ने इन सभी धमकियों और रिश्वत मांगने की घटनाओं से परेशान होकर 11 अक्टूबर 2025 को सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई। सीबीआई ने जांच शुरू की और कॉल रिकॉर्डिंग, सबूत और जानकारी इकट्ठा करने के बाद गुरुवार को कार्रवाई की।
अनुमति का मामला
आमतौर पर सीबीआई को पंजाब राज्य में कार्रवाई करने से पहले गृह विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। लेकिन इस मामले में सीबीआई को शक था कि अगर अनुमति मांगी गई तो सूचना लीक हो सकती है, इसलिए डीआईजी को पूछताछ के बहाने सीबीआई दफ्तर बुलाकर वहीं गिरफ्तार कर लिया गया।
अब आगे क्या होगा
सीबीआई ने बताया कि डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लड़ को शुक्रवार को विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा।
संभावना है कि कोर्ट उनसे रिमांड पर पूछताछ की अनुमति दे सकती है ताकि पूरे नेटवर्क और अन्य जुड़े अधिकारियों का पता लगाया जा सके।