पाकिस्तान में आॢथक संकट के चलते बलोचिस्तान, सिंध तथा खैबर पख्तूनख्वा के अधिकतर सरकारी अस्पतालों में दवाइयां समाप्त हो चुकी हैं जिस कारण लोग परेशान हैं। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों ने ओ.पी.डी. भी बंद कर दी है क्योंकि उनके द्वारा लिखी गई दवाइयां सरकारी अस्पतालों में मिलती ही नहीं हैं तथा बाजार से महंगे भाव से लोग खरीदने में असमर्थ हैं। क्वेटा के सरकारी अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में सी.टी. स्कैन, एम.आर.आई. तथा एंज्योग्राफी की मशीनें खराब पड़ी हैं।
पाकिस्तान में दवाइयां बनाने वाली कम्पनियां भी बंद होने के कगार पर हैं क्योंकि उन्हें कच्चा माल नहीं मिल रहा है। अस्पतालों में सर्जीकल सामान जिसमें रूई तक शामिल है, भी नहीं मिल रहा है। विदेशी कम्पनियों ने भी पाकिस्तान की दवा कम्पनियों को कच्चा माल देने से इंकार कर दिया है तथा जरूरी जीवन रक्षक दवाइयां भी अब समाप्त हो चुकी हैं।