वर्ल्ड हाइपरटैंशन डे से पहले विशेषज्ञों ने कहा कि व्यक्ति का ब्लड प्रैशर जितने लंबे समय तक अनियंत्रित रहेगा, वह उसके लिए उतना ही नुक्सानदायक होगा। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर और किडनी की समस्याएं आ सकती हैं। वर्ल्ड हाइपरटैंशन डे हर साल 17 मई को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है, ‘मेजर योर ब्लड प्रैशर एक्युरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर। रेसिस्टैंट हाइपरटैंशन (दवाओं के उपयोग के बावजूद बीपी 140/90 से ऊपर) हाई बीपी है, जो उपचार पर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देता है। हाई बीपी या उच्च रक्तचाप वाले लगभग 20 प्रतिशत रोगी रेसिस्टैंट होते हैं। नारायण हैल्थ के संस्थापक और अध्यक्ष डा. देवी शेट्टी ने बताया कि अनियंत्रित उच्च रक्तचाप निस्संदेह सबसे गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है। महत्वपूर्ण बात यह है कि रेसिस्टैंट हाइपरटैंशन में महीनों और वर्षों तक किसी तरह के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य खतरा पैदा कर सकता है। हृदय रोग विशेषज्ञ ने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में 188.3 मिलियन लोग उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से केवल 37 प्रतिशत व्यक्तियों को ही औपचारिक निदान प्राप्त होता है और इससे भी छोटा प्रतिशत नियमित रक्तचाप जांच की आवश्यकता पर जोर देते उपचार शुरू करता है, खासकर जब आप 20 वर्ष की आयु तक पहुंचते हैं।