मानसून सुकून, खुशी के अलावा अपने साथ कई बीमारियों को भी साथ लेकर लाता है। इस मौसम में जॉन्डिस, फ्लू, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए का तो खतरा बढ़ ही जाता है, साथ ही अस्थमा मरीजों की भी हालत बुरी हो जाती है। जिससे आपकी डे टू डे की लाइफ पर असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं मानसून में आम एलर्जिक अस्थमा के बारे में।
एलर्जिक अस्थमा क्या है?
अस्थमा का सबसे आम प्रकार है, जो पालतू जानवरों की रूसी, फफूंद, धूल के कण या पोलन के संपर्क में आने पर ट्रिगर हो जाता है। उदाहरण के लिए, वसंत का खुशगवार मौसम अपने साथ हवा में पराग कणों की भी मात्रा लेकर आता है, जिससे सांस लेने पर वायुमार्ग में सूजन और जलन हो सकती है और इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते खांसी, घरघराहट और सीने में जकड़न जैसे लक्षण नजर आते हैं। कुछ लोगों को इसके चलते नाक बंद होना, खुजली या आंखों से पानी आना, चकत्ते जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।