छत्तीसगढ़ के पुलिस नक्सल विरोधी अभियान के तहत हाल ही में 8 नक्सलियों को मारा गया, जिनमें से 6 PLGA के वरिष्ठ रैंक के कैडर थे और बाकी 2 नक्सलियों की अभी पहचान नहीं हो पाई है।
इस अभियान में कांस्टेबल नितेश एक्का शहीद हो गए शहीद हो गए, जिन्हें रविवार को श्रद्धांजलि दी गई ।
छत्तीसगढ़ के कुछ खास जिलों को नक्सलियों से प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जिससे वहां के मूल निवासी, आदिवासी और ग्रामीण लोग हमेशा ही डरे रहते थे, लेकिन पुलिस के द्वारा इन क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान चला गया है, जिसमें इस शनिवार यानी 15 जून को 8 नक्सलियों को मार दिया गया, जिसमें से 6 वरिष्ठ रैंक के कैडर थे. इन नक्सलियों पर 48 लाख का इनाम था ।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के कुतुल-फरसबेड़ा और कोडतामेटा गांवों के पास के जंगल में सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों की मुठभेड़ हो गई, जिसमें 8 नक्सली को मार गिराया गया. पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों में से 6 वरिष्ठ रैंक के कैडर थे, जो कि पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की सैन्य कंपनी नंबर 1 और माड़ डिवीजन सप्लाई टीम के थे. इन सभी नक्सलियों पर लगभग 48 लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
एक हफ्ते में दूसरी बड़ी सफलता
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नारायणपुर पुलिस के ‘माड़ बचाओ अभियान’ के एक सप्ताह के अंदर यह दूसरी बड़ी सफलता है और 45 दिनों में चौथी बड़ी सफलता है।
उन्होंने कहा नारायणपुर जिले का अभुजमाड़ 40 वर्षों से नक्सली हिंसा और भय से ग्रस्त था, लेकिन अब स्थानीय लोग, आदिवासी और ग्रामीण इस हिंसा, भय और नक्सलवाद से मुक्त होना चाहते हैं। सफल नक्सल विरोधी अभियानों से विकास को गति मिल रही है।
छह की हुई पहचान
पुलिस ने शनिवार को जिले के कुतुल-फरसबेड़ा और कोडतामेटा गांवों के नजदीक जंगलों में मुठभेड़ में आठ नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया। आईजी ने कहा कि आठ में से छह की पहचान सुदरू, वर्गेश, ममता, समीरा, कोसी और मोती के रूप में हुई है। यह सभी माओवादियों की पीएलजीए कंपनी नंबर 1 में विभिन्न पदों पर सक्रिय थे। सभी पर आठ लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस, बीएसएफ और आईटीबीपी ने किया ऑपरेशन
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिले के कुतुल, फरसबेड़ा, कोडतामेटा और अडिंगपार गांवों में नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने 12 जून की देर रात ‘माड़ बचाओ अभियान’ के तहत ऑपरेशन शुरू किया।
इसमें राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड, स्पेशल स्टास्क फोर्स (STF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 53वीं और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 135वीं बटालियन के जवानों ने हिस्सा लिया। महिला कमांडो ने भी पूरे ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई।
चार महिलाओं समेत आठ शव मिले
शनिवार सुबह करीब सात बजे कुतुल-फरसबेड़ा और कोडतामेटा गांवों के पास जंगल में हथियारबंद नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू की। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की। आईजी ने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद अलग-अलग जगहों से वर्दी पहने चार महिलाओं समेत आठ नक्सलियों के शव मिले।
सुरक्षाबलों को ये सामान मिला
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कई अन्य नक्सली घने जंगल और पहाड़ियों की आड़ लेकर भाग निकले। सुरक्षाकर्मियों ने एक इंसास राइफल, दो 303 राइफल, तीन 315 बोर राइफल, एक बैरल ग्रेनेड लांचर और भारी मात्रा में विस्फोटक, दवाइयां और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद कीं।
एक जवान शहीद
पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर मिले खून के धब्बे लगता है कि मुठभेड़ में कई अन्य नक्सली घायल या मारे गए हैं। बता दें कि मुठभेठ में एसटीएफ कांस्टेबल नितेश एक्का (27) शहीद हो गए हैं। उनके दो साथी लेखराम नेताम (28) और कैलाश नेताम (33) घायल हुए हैं। दोनों रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती है।
बस्तर संभाग में इस साल 131 नक्सलियों के शव मिले
अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के बीच बेहतर समन्वय और रणनीति के कारण इस साल अब तक बस्तर संभाग में मुठभेड़ों के बाद 131 नक्सलियों के शव मिले हैं। बस्तर संभाग में कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले आते हैं।
कब और कहां हुई मुठभेड़
- पांच जून को नारायणपुर में मुठभेड़ में छह नक्सलियों को मार गिराया गया था।
- 23 मई को नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर सात नक्सली को ढेर किया गया था।
- 10 मई को बीजापुर में मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मारा था।
- 30 अप्रैल को नारायणपुर-कांकेर जिले की सीमा पर 10 नक्सलियों को मार गिराया गया था।
- 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे।