
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से चुनाव आयोग ने विधानसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा नहीं की है। हालांकि, चुनाव आयोग ने यहां पर भी चुनाव करवाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली थी, लेकिन पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले के बाद उपजी स्थिति को देखते हुए यहां चुनाव की घोषणा नहीं की गई है।
जम्मू-कश्मीर में नगरोटा और बड़गाम विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। नगरोटा सीट भाजपा के विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण खाली पड़ी है, जबकि बड़गाम सीट मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने छोड़ी है। वे बडगाम के साथ-साथ गांदरबल से भी विधायक चुने गए थे। उन्होंने बड़गाम सीट छोड़ दी थी। दोनों सीटों को खाली हुए छह महीने से अधिक का समय हो गया है। नियमों के अनुसार छह महीने के भीतर उपचुनाव हो जाने चाहिए।
चुनाव आयोग ने दोनों ही क्षेत्रों में उपचुनाव करवाने के लिए मतदाता सूचियों में संशोधन भी कर दिया है और योग्य मतदाताओं को अपने वोट बनाने का अवसर भी दिया। मगर पहलगाम के बैसरन में हुए हमले के बाद से ही उपचुनाव होने पर असमंजस था।
पहले भाजपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पैंथर्स पार्टी के संभावित उम्मीदवार इन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार भी करने लगे थे। उन्होंने लोगों से मिलकर चुनावी गतिविधियों को भी बढ़ा दिया था। जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठकें भी कर ली थी, लेकिन कहा जा रहा है कि अभी चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में उपचुनाव के लिए स्थिति को अनुकूल नहीं मान रहा है।
सुरक्षाबल एक ओर जहां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए अभियान चलाए हुए हैं, वहीं जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह से बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा भी शुरू होने जा रही है। यात्रा को सुरक्षित करवाने के लिए भी सुरक्षाबलों को लखनपुर से लेकर बाबा बफार्नी के भवन तक में तैनात किया जाना है। ऐसे में उपचुनावों को अमरनाथ यात्रा तक टाला जाना तय माना जा रहा था।
जम्मू-कश्मीर की राजनीति को दो दशकों से भी अधिक समय तक कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि पहलगाम हमले के बाद से ही यह लग रहा था कि दोनों सीटों के लिए उपचुनाव नहीं होंगे। जिन पांच सीटों के लिए उपचुनाव घोषित हुए हैं, वे 23 जून को हो रहे हैं। इसके कुछ दिनों के बाद बाबा अमरनाथ की यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में उपचुनाव होने में पहले से ही संदेह था। अब किसी राज्य के विधानसभा चुनावों के साथ दोनों सीटों के लिए उपचुनाव हो सकते हैं।