
राज्य में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पंजाब पुलिस ने पिछले तीन माह में 42 एनकाउंटर किए। जबकि पिछले साल कुल 64 एनकाउंटर किए गए थे। इसके बावजूद राज्य में फिरौती की घटनाओं को गैंगस्टरवाद पर लगाम नहीं लग पा रही है। जबकि हरेक दो दिन में एक पुलिस मुकाबला हो रहा है।
पुलिस के साथ गैंगस्टरों के मुठभेड़ के बढ़ रहे मामले
आंकड़ों के मुताबिक 45 से ज्यादा गैंगस्टरों की टांगों में गोली मारी (Police Encounters) गई। इस साल दो गैंगस्टरों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है। जबकि 18 जगहों का बम धमाके हो चुके हैं। पंजाब में पिछले कुछ समय से अपराधियों, खासकर गैंगस्टरों के साथ पुलिस मुठभेड़ में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी से 31 मार्च तक कुल 41 पुलिस एनकाउंटर हुए है।
हालांकि, अभी तक किसी भी पीड़ित के परिवार ने सार्वजनिक रूप से इन एनकाउंटरों पर सवाल नहीं उठाए हैं और न ही उन्हें फर्जी बताया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस का उद्देश्य किसी अपराधी को शारीरिक नुकसान पहुंचाना नहीं है, लेकिन जब पुलिस पर हथियारबंद संदिग्ध फायरिंग करते हैं तो जवाब देना जरूरी हो जाता है।
हाल के एनकाउंटरों में अपराधियों ने पहले गोली चलाई है। फिर भी पुलिस टीमों ने संयम बरता और उन्होंने केवल पैरों को निशाना बनाया ताकि वे फरार न हो सकें।
अपराध के खिलाफ पंजाब पुलिस आक्रामक
हर दो दिन में हो रहे इन एनकाउंटरों से यह स्पष्ट है कि पुलिस को राज्य सरकार और शीर्ष अधिकारियों का पूरा समर्थन मिल रहा है। अमृतसर में हत्या के आरोपित और पटियाला में एक अपहरणकर्ता की पुलिस गोलीबारी में मौत हो चुकी है। इसके अलावा, करीब 45 अपराधियों जिनमें गैंगस्टर, नशा तस्कर और हत्यारे शामिल हैं, को पुलिस मुठभेड़ों में गोली लगी है।
इन घटनाओं से यह संदेश जरूर गया है कि पंजाब पुलिस अपराध के खिलाफ आक्रामक रुख अपना चुकी है, लेकिन इसके साथ ही पुलिस के अधिकारों के दुरुपयोग की आशंका भी बढ़ गई है। हाल ही में पटियाला में एक कर्नल और उसके बेटे की पुलिस की ओर से की गई कथित पिटाई ने इस चिंता को और गहरा कर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि यही पुलिसकर्मी कुछ समय पहले एक सात साल के बच्चे को अपहरणकर्ता से छुड़वाने में अहम भूमिका निभा चुके थे।
इसके बावजूद अब उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावनाएं जताई जा रही हैं, जिससे उनके करियर और सम्मान पर असर पड़ा है। मानवाधिकार कार्यकर्ता ऋषि ने पुलिस को दी गई विशेष शक्तियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इससे कानून अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है और पंजाब, जहां फर्जी मुठभेड़ का इतिहास रहा है, फिर उसी दिशा में जा सकता है। यह लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक गंभीर खतरा है।
कब-कब हुई मुठभेड़?
9 अप्रैल : मोगा पुलिस के साथ मुठभेड़ में डोनी बल गैंग का शूटर गुरजंट सिंह जख्मी
6 अप्रैल : फाजिल्का पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक नशा तस्कर जख्मी
18 मार्च : यूट्यूबर के घर पर हमला करने वाले आरोपित हादिZक कंबोज को गोली लगी
17 मार्च : मेागा पुलिस ने दविंदर बंबीहा ग्रुप के गैंगेस्टर अमन कुमार उर्फ टिवाणा को मुठभेड़ में गोली लगी
16 मार्च : अमृतसर ग्रामीण पुलिस के साथ मुठभेड़ में गैंगेस्टर बिश्वबरजीत सिंह गोली लगने से जख्मी
16 मार्च : लुधियान ग्रामीण पुलिस के साथ मुठभेड़ में गैंगेस्टर कृष्ण जख्मी
14 मार्च : बठिंडा सीआईए के के साथ मुठभेड़ में एक जख्मी
14 मार्च : मोगा पुलिस के साथ मुठभेड़ में मनप्रीत सिंह उर्फ मनी जख्मी